भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 45 (भारतीय शिक्षा सत्य व धर्म सिखाती है)

– वासुदेव प्रजापति भारत में दी जाने वाली शिक्षा भारतीय नहीं है। यह शिक्षा विद्यार्थी को जीवन के लिए नहीं अपितु नौकरी के लिए तैयार…

बाल केन्द्रित क्रिया आधारित शिक्षा- 28 (भारतीय शिक्षा दर्शन)

 – रवि कुमार शिक्षा समाज व राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण भाग है। शिक्षा क्या है और शिक्षा की क्यों आवश्यकता है? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न…

ज्ञान की बात 43 (पारम्परिक सन्दर्भ में संस्कार)

 – वासुदेव प्रजापति अब तक हमने मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में तथा सामाजिक व सांस्कृतिक सन्दर्भ में आने वाले संस्कारों के बारे में जानकारी प्राप्त की। आज…

ज्ञान की बात 42 (सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ में संस्कार)

 – वासुदेव प्रजापति इससे पूर्व हमने मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में संस्कारों को समझा है। मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ के अन्तर्गत दो प्रकार के संस्कारों को जाना। पहले प्रकार…

ज्ञान की बात 40 (संस्कार परम्परा)

 – वासुदेव प्रजापति संस्कार शब्द का प्रयोग सर्वत्र प्रचलित है। शिक्षा में संस्कारों का अभाव सर्वविदित है। विशेष रूप से शिशु शिक्षा में संस्कारों का…

ज्ञान की बात 39 (परमेष्ठीगत विकास)

 – वासुदेव प्रजापति अब तक हमने व्यष्टिगत विकास, समष्टिगत विकास और सृष्टिगत विकास को समझा, आज हम परमेष्ठीगत विकास को समझेंगे। विकास का यह अन्तिम…

ज्ञान की बात 37 (विश्वगत विकास)

– वासुदेव प्रजापति अब तक हमने व्यक्ति के परिवार के साथ सम्बन्ध, समाज के साथ सम्बन्ध, राष्ट्र के साथ सम्बन्ध कैसे होने चाहिए? इन सब…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-36 (राष्ट्रगत विकास)

 – वासुदेव प्रजापति व्यष्टि और समष्टि के सम्बन्धों के अन्तर्गत हमने व्यक्ति और परिवार तथा व्यक्ति और समाज के सम्बन्धों को जाना। आज हम व्यक्ति…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-35 (समाजगत विकास)

 – वासुदेव प्रजापति इससे पूर्व हमने व्यष्टि, समष्टि, सृष्टि व परमेष्ठी नामक चारों संज्ञाओं का अर्थ समझा। समष्टि के चार चरण – परिवार, समाज, राष्ट्र…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-34 (परिवारगत विकास)

 – वासुदेव प्रजापति व्यक्ति अकेला नहीं रह सकता। उसका जीवन जिन पर निर्भर है, उन सबके साथ वह तालमेल बिठाकर रहता है। व्यक्ति का जीवन…