गीता प्रेस, गोरखपुर का सांस्कृतिक अवदान

✍ अवनीश भटनागर (श्रद्धेय भाई जी – श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार की जन्मजयंती (17 सितम्बर) पर उनके द्वारा स्थापित वैचारिक क्रान्ति के आधार स्तम्भ…

भारतीय परम्परागत खेल : बाल विकास का सशक्त माध्यम

  ✍ अवनीश भटनागर उत्साह, जोश, मस्ती तथा रोमांच से भरपूर खेलकूद बच्चों को तो क्या, बड़ों को भी पसन्द हैं। दुनियाँ के सभी देशों में…

शिक्षक कक्षा या विषय के नहीं, विद्यार्थी के!

– अवनीश भटनागर गुरु पूर्णिमा महोत्सव है। प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को यह उत्सव मनाया जाता है। इसे उत्सव क्यों कहा जाए? क्योंकि इसी…

नारी स्वातंत्र्य का भारतीय प्रतिमानः सावित्री बाई फुले

 – अवनीश भटनागर समाज में सदियों से चली आ रही रूढ़ियों को समाप्त करने तथा सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए दो बातें अत्यन्त…

भ्रान्तियों के निवारण का महापर्व : आजादी का अमृत महोत्सव – 2

  एक और अटपटा किन्तु विचारणीय प्रश्न जब हम यह चर्चा कर रहे हो कि भारत पराधीन कब हुआ, तो यह विचार करना भी समीचीन…

भ्रान्तियों के निवारण का महापर्व : आजादी का अमृत महोत्सव – 1

 – अवनीश भटनागर हम में से अधिकांश सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है। जिनका जन्म 20 वीं शताब्दी में हुआ है,…

परम पूज्य श्री गुरुजी का शैक्षिक प्रबोधन

 – अवनीश भटनागर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी कुशल संगठक होने के साथ-साथ समाज जीवन के…

युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद

 – अवनीश भटनागर युग नायक तथा युग प्रवर्तक सामान्य रूप से समाज जीवन में किसी भी श्रद्धास्पद विभूति के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द…

भारत में शिक्षा व्यवस्था

– अवनीश भटनागर भारत में समाज निर्माणकारी शिक्षा की संकल्पना थी। वेद, पुराण, उपनिषदों के लेखकों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही…

भारतीय शिक्षा विचार के प्रसार में स्व लज्जाराम तोमर की भूमिका

 – अवनीश भटनागर स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी शिक्षा में भारतीयता के विचार की चर्चा आते ही शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों के कान खड़े हो…