– अवनीश भटनागर समाज में सदियों से चली आ रही रूढ़ियों को समाप्त करने तथा सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए दो बातें अत्यन्त…
Category: अवनीश भटनागर
भ्रान्तियों के निवारण का महापर्व : आजादी का अमृत महोत्सव – 2
एक और अटपटा किन्तु विचारणीय प्रश्न जब हम यह चर्चा कर रहे हो कि भारत पराधीन कब हुआ, तो यह विचार करना भी समीचीन…
भ्रान्तियों के निवारण का महापर्व : आजादी का अमृत महोत्सव – 1
– अवनीश भटनागर हम में से अधिकांश सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है। जिनका जन्म 20 वीं शताब्दी में हुआ है,…
परम पूज्य श्री गुरुजी का शैक्षिक प्रबोधन
– अवनीश भटनागर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी कुशल संगठक होने के साथ-साथ समाज जीवन के…
युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद
– अवनीश भटनागर युग नायक तथा युग प्रवर्तक सामान्य रूप से समाज जीवन में किसी भी श्रद्धास्पद विभूति के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द…
भारत में शिक्षा व्यवस्था
– अवनीश भटनागर भारत में समाज निर्माणकारी शिक्षा की संकल्पना थी। वेद, पुराण, उपनिषदों के लेखकों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही…
भारतीय शिक्षा विचार के प्रसार में स्व लज्जाराम तोमर की भूमिका
– अवनीश भटनागर स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी शिक्षा में भारतीयता के विचार की चर्चा आते ही शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों के कान खड़े हो…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग पांच)
– अवनीश भटनागर स्नातकों को उपदेश स्वाभाविक रूप से दीक्षांत भाषण का उद्देश्य अपनी शिक्षा पूर्ण कर समाज जीवन में प्रवेश करने जा रहे उपाधि…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग चार)
– अवनीश भटनागर भाषा के रूप में अंग्रेजी मातृभाषा और राष्ट्रीय विकास में उसकी भूमिका की बात कहने के बाद भी महामना एक भाषा के…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग तीन)
– अवनीश भटनागर प्रारम्भिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान के दीक्षान्त भाषण में भी मालवीय जी देश में प्रारम्भिक तथा माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता…