– ब्रज मोहन रामदेव दर्शन का संबंध जगत मानव और प्रकृति के वास्तविक स्वरूप को समझने से है। यह जगत क्या है? उसका सृष्टि में…
Category: शिक्षा दर्शन
भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार – भाग चार (पुरुषार्थ चतुष्टय की शिक्षा)
– ब्रज मोहन रामदेव भारतीय ज्ञान के क्षेत्र में पुरुषार्थ चतुष्ट्य का विशेष महत्व है। पुरुषार्थ चतुष्टय मानव जीवन के चार सदस्यों को संदर्भित करते…
भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार – भाग तीन (अन्तःकरण व उसकी शिक्षा)
– ब्रज मोहन रामदेव करण अर्थात् उपकरण या साधना। ज्ञान प्राप्त करने के दो साधन है। 1. बाह्य करण 2. अन्तः करण। ज्ञानेन्द्रियां कर्मेन्द्रियां बाह्य…
भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार – भाग दो (उपनिषद् एवं शिक्षा)
– ब्रज मोहन रामदेव वैदिक वांग्मय के अनुसार वेद का अर्थ बोध या ज्ञान है। विद्वानों ने संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक तथा उपनिषद् इन चारों के…
भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार भाग एक
– ब्रज मोहन रामदेव ‘आध्यात्मिकता’ भारत राष्ट्र की विशेष संकल्पना है। हमारी यह मान्यता है कि सृष्टि रचना के मूल में आत्म तत्व है। यह…
सावित्रीबाई फुले का शैक्षिक दर्शन: छात्र केंद्रित शिक्षण
– प्रो. असित मंत्री सावित्रीबाई फुले का शैक्षिक दर्शन पंथनिरपेक्ष शिक्षा के साथ-साथ सार्वभौमिक शिक्षा पर जोर देता है। सावित्रीबाई फुले ने स्वयं को भारत…
श्री रंगाहरि जी का शैक्षिक प्रबोधन
– सार्थ इदाथिल महान दृष्टा और विद्वान रंगाहरि जी, जिनकी बौद्धिक प्रतिभा विद्या भारती के आदर्शों और सिद्धांतों में परिलक्षित होती थी, उनका 29 अक्टूबर…
शिक्षा में भारतीयता के पोषक : दीनानाथ बत्रा
प्रणय कुमार भारत के शैक्षिक-सामाजिक परिवेश में बहुधा ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई व्यक्ति अपने जीवन-काल में ही शिक्षा-क्षेत्र में किए…
नानाजी देशमुख का शैक्षिक चिंतन
✍ डॉ. आदित्य मिश्रा ‘शिक्षा’ क्या है? शिक्षा का शाब्दिक अर्थ होता है सीखने एवं सिखाने की क्रिया परंतु इसके व्यापक अर्थ को देखें तो…
डॉ. भगवानदास का शिक्षा-दर्शन
✍ डॉ. विकास कुमार पाठक शिक्षा, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी अनेक विभूतियों की धरती रही है। इसी धरती पर जन्में काशी के…