– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता भाषा के बिना एक मनुष्य का दूसरे मनुष्य से सार्थक संवाद होना एक अत्यंत दुष्कर कार्य है अत: भाषाओं…
Category: कुलदीप मेहंदीरत्ता
भारतीय भाषाओं (मलयालम और मराठी) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 3
मलयालम भाषा का योगदान १८५७ का स्वतंत्रता संग्राम कई संदर्भों में अद्भुत है। यह वास्तव में भारत की जनता के विरोध की भावाभिव्यक्ति थी जिसमें…
भारतीय भाषाओं (कन्नड़, बंगला, ओड़िया और असमिया) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 2
– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता कन्नड़ भाषा का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में कुछेक अपवादों को छोड़कर समाज जागरण और राष्ट्रीय चेतना के स्वर प्राय: प्रत्येक भाषा,…
भारतीय भाषाओं (तमिल और तेलुगु) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 1
– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता भारत विविधताओं से भरा एक विशाल राष्ट्र है जहाँ भले ही भौगोलिक अथवा प्रयोज्य क्षेत्र के आधार पर शाब्दिक तथा भाषिक…
लाला लाजपत राय का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
– डॉ कुलदीप मेहंदीरत्ता पंजाब केसरी और शेर-ए-पंजाब के नाम से विख्यात लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानियों में थे जिन्होंने व्यक्तिगत…
आजाद हिंद फौज की भूमिका
– डॉ कुलदीप मेहंदीरत्ता नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजाद हिंद फौज अथवा इंडियन नेशनल आर्मी का वास्तविक संस्थापक और संगठक माना जाता है। भारत…
महान साहित्यकार प्रेमचन्द का साहित्य दर्शन भाग – 2
– कुलदीप मेहंदीरत्ता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से प्रभावित प्रेमचन्द : महात्मा गाँधी के प्रभाव से न केवल भारतीय बल्कि पाश्चत्य जगत के लेखक…
महान साहित्यकार प्रेमचन्द का साहित्य दर्शन भाग – 1
– डॉ० कुलदीप मेहंदीरत्ता “साहित्यकार का काम केवल पाठकों का मन बहलाना नहीं है। यह तो भाटों और मदारियों, विदूषकों और मसखरों का ही काम…
अमर बलिदानी भगवान बिरसा मुंडा
– डॉ कुलदीप मेहंदीरत्ता अंग्रेजों के शासन के विरुद्ध भारत देश के विभिन्न भौगोलिक प्रदेशों में और सामाजिक वर्गों ने स्वतन्त्रता प्राप्त करने के लिए…
महात्मा बुद्ध का शिक्षा दर्शन
– डॉ कुलदीप मेहंदीरत्ता भारत देश में समय-समय पर संत, ऋषि-मुनि तथा अनेक महापुरुषों ने अवतार लिया है। प्राचीन काल से ही संसार ने भारत…