– डॉ. पिंकेश लता रघुवंशी “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।” मनु स्मृति में आया हुआ यह श्लोक महिला स्थिति को लेकर भारत के वास्तविक…
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गीता प्रेस, गोरखपुर का सांस्कृतिक अवदान
✍ अवनीश भटनागर (श्रद्धेय भाई जी – श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार की जन्मजयंती (17 सितम्बर) पर उनके द्वारा स्थापित वैचारिक क्रान्ति के आधार स्तम्भ…
Their Own Space Inventor – Our Bharatputriya
✍ Dr. Pinkesh Lata Raghuwanshi Women have faith…. Gain independence, gain everything, but do not lose that characteristic of women! Swami Vivekananda How this comment…
भारतीय परम्परागत खेल : बाल विकास का सशक्त माध्यम
✍ अवनीश भटनागर उत्साह, जोश, मस्ती तथा रोमांच से भरपूर खेलकूद बच्चों को तो क्या, बड़ों को भी पसन्द हैं। दुनियाँ के सभी देशों में…
15 अगस्त 1947 – तत्कालीन समाचार पत्रों के झरोखों से
✍ विनोद जौहरी भारतवर्ष के इतिहास में 15 अगस्त 1947 का दिन सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है जिसको हमने अपनी पाठ्य पुस्तकों और…
भारत विभाजन – त्रासदी, परिणाम व सावधानी
✍ राजेन्द्र सिंह बघेल वे महान वीर आत्माएँ जो देश विभाजन के समय भयानक एवं विषम परिस्थितियों में फंसे अगणित निर्दोष लोगों की रक्षा…
सावरकर का साहित्य धर्म – भाग २
✍ गोपाल माहेश्वरी सावरकर का सम्पूर्ण लेखन अपने राष्ट्र और समाज की दुर्दशा से विमुक्ति के लिए गहन संवेदना और निवारण के उत्कट संकल्पों…
सावरकर का साहित्य धर्म – भाग १
✍ गोपाल माहेश्वरी स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर अर्वाचीन भारत के एक ऐसे विराट व्यक्तित्व हैं जिसके प्रत्येक आयाम को समन्वित रूप से देखें या…
शिक्षा की निष्पत्ति – अखंड व्यक्तित्व का निर्माण
✍ आचार्य श्रीतुलसी जीवन जीना एक बात है और विशिष्ट जीवन जीना दूसरी बात है। ऐसा जीवन जो दुसरों के लिये उदाहरण बन सके, विशिष्ट…
भारतीय मनीषियों के विचारों से भारत पुन: बनेगा विश्वगुरु
शिक्षा मनुष्य का परिष्कार करती है। शिक्षा ही उसके गुणों का संवर्द्धन कर देवत्व की ओर प्रेरित करती है। किन्तु शिक्षा के उद्देश्य उसके दर्शन…