– गोपाल माहेश्वरी विद्यार्थी पाठक सरस्वती विद्या मंदिर से आचार्य के रूप में सेवा निवृत्त हुए एक वर्ष ही बीता था कि एक दिन उनके…
Category: गोपाल माहेश्वरी
सिंदूरी हनुमान
– गोपाल माहेश्वरी रोशन ने शाला से लोटते हुए रास्ते में सुना कि पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। निर्दोष पर्यटकों की हत्या से सारा…
स्वदेशी का पथ
– गोपाल माहेश्वरी देश उठेगा अपने पैरों निज गौरव के भान से। स्नेह भरा सम्मान जगाकर जिएं सुख सम्मान से। परावलंबी देश जगत में कभी…
होली
– गोपाल माहेश्वरी फागुन का महिना आरंभ होते ही बच्चों बड़ों सभी पर होली की मस्ती छाने लगी। प्रभात की कालोनी में भी होलिकादहन की…
ग्राम शारदा
— गोपाल माहेश्वरी मधुकर, वसंत, शोभा, श्रीधर और सुषमा की समवयस्क बाल-मंडली में मित्रता का रिश्ता पक्कमपक्का था। वर्ष में कम-से-कम एक बार ये सभी…
बाइक
✍ गोपाल माहेश्वरी वैभव अभी सोलह वर्ष का ही हुआ था। इन दिनों उसके मामा आए हुए थे। उसके मामा के पास एक बाइक थी।…
काँटों वाला पौधा
✍ गोपाल माहेश्वरी दिन के दस बज रहे थे। उद्यान में सुबह घूमने आने वाले लगभग सभी लोग जा चुके थे। दक्ष का अपने मित्रों…
सहपाठी
✍ गोपाल माहेश्वरी वैदिक अपने विद्यालय की एटीएल यानी अटल टिंकरिंग लेब से निकलते हुए किसी गहरे विचार में इतना डूबा हुआ था कि अपने…
अपनी भाषा
✍ गोपाल माहेश्वरी सुभाष जी एक सेवानिवृत्त आचार्य थे। लेकिन प्रतिदिन शाला के खेल मैदान पर आने का उनका क्रम अखंड व्रत की भांति था। आते और मैदान…
समरसता की सुधा
✍ गोपाल माहेश्वरी सुधांशु पाठक सायं चार बजे अपना कुर्ता पायजामा पहने कांधे पर झोला लटकाए अकेले निकल पड़ते अपने विद्या मंदिर की गोद ली सेवाबस्ती…