भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-120 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु परिवर्तन के बिन्दु-2)

 – वासुदेव प्रजापति शिक्षा में परिवर्तन करने से पूर्व हमें एक और सूत्र को ध्यान में रखने की आवश्यकता है। ‘शिक्षा व्यक्तिगत नहीं होती राष्ट्रीय…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-119  (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु परिवर्तन के बिंदु-1)

 – वासुदेव प्रजापति हम भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा चाहते हैं। भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा तभी संभव है जब आज की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 118 (भारतीय ज्ञान की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु करणीय उपाय)

 ✍ वासुदेव प्रजापति भारतीय ज्ञान का अर्थ होता है, हमारे देश का ज्ञान अर्थात हमारा देशीय ज्ञान। भारत भूमि में जन्मा हमारा अपना ज्ञान। भारत…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 117 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – धर्माचार्य और शिक्षा-2)

 ✍ वासुदेव प्रजापति हमारे देश में धर्माचार्यों की बहुत बड़ी संख्या है। उनके बड़े-बड़े आश्रम चलते हैं। उन आश्रमों में धार्मिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त भी…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 116 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – धर्माचार्य और शिक्षा-1)

 ✍ वासुदेव प्रजापति भारत एक धर्मप्राण देश है। सम्पूर्ण देश में धर्माचार्यों की विशेष ख्याति है। लोग उनकी बात मानते हैं। उनकी तपश्चर्या और उनके…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 115 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – सामाजिक स्तर पर करणीय प्रयास-3)

✍ वासुदेव प्रजापति सामाजिक स्तर पर सम्बन्धों की आज कोई व्यवस्था नहीं है। हमने वर्ण, जाति व सम्प्रदाय का त्याग कर दिया परन्तु उनके स्थान…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 114 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – सामाजिक स्तर पर करणीय प्रयास-2)

 ✍ वासुदेव प्रजापति पश्चिमी सभ्यता को अपनाने के फलस्वरूप भारतीय समाज का मानस भी बदला है। मानस बदलने के कारण परिवार इकाई छोटी होती जा…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 113 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – सामाजिक स्तर पर करणीय प्रयास-1)

 ✍ वासुदेव प्रजापति जैसे व्यक्ति एक इकाई है, वैसे ही परिवार व विद्यालय भी एक इकाई है। किन्तु समाज इकाई नहीं है, वह तो एक…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 112 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा विद्यालय में करणीय प्रयास-3)

✍ वासुदेव प्रजापति नई व्यवस्था का विचार हमें भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु नई व्यवस्था का विचार करना होगा, शिक्षा का एक नया प्रतिमान गढ़ना…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 111 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा विद्यालय में करणीय प्रयास-2)

 ✍ वासुदेव प्रजापति वर्तमान ढ़ाँचें की परिष्कृति शिक्षा के वर्तमान ढाँचें में सबसे पहले आन्तरिक परिष्कृति की आवश्यकता है। आन्तरिक परिष्कृति के उपाय बहुत सरल…