गणगौर

 – नीलू शेखावत राजस्थान के रंगीन पर्वों की यात्रा श्रावण की शुक्ला तीज से शुरू होकर चैत की शुक्ला तीज तक चलती है। तीज और…

जैन दर्शन का परिचय

– प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी जैन दर्शन में जैन शब्द जिन से बना है। जिन का मतलब होता है जितेन्द्रिय अर्थात जिन्होंने अपनी इंद्रियों को जीत…

आर्य समाज का परिचय

 – प्रोफेसर बाबूराम (डी.लिट्.) भारत विश्व की प्राचीनतम तथा श्रेष्ठतम सभ्यता एवं संस्कृति के ऋषिप्रधान और कृषिप्रधान राष्ट्र के रूप में विश्वविख्यात रहा है। भारत…

स्वातन्त्र्य यज्ञ के कर्मवीर पं. माखनलाल चतुर्वेदी

– कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल   स्वातंत्र्य का शंखनाद करने वाले भारतीय चेतना के प्रखर स्वर दादा माखनलाल चतुर्वेदी का नाम जब भी कहीं गूँजता है,…

स्वदेशी का पथ

 – गोपाल माहेश्वरी देश उठेगा अपने पैरों निज गौरव के भान से। स्नेह भरा सम्मान जगाकर जिएं सुख सम्मान से। परावलंबी देश जगत में कभी…

भारतीय नववर्ष और त्यौहारों की उमंग

 – डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय नववर्ष के साथ अनेक त्यौहार आते हैं। इनमें चैत्र शुक्लादि, नवरेह, गुड़ी पड़वा, उगादि, साजिबु नोंगमा पांबा अथवा साजिबु चेराओबा…

भारतीय ज्ञान का खजाना-28 (प्राचीन भारतीय खेल-२)

 – प्रशांत पोळ सांप सीढ़ी भारत में ‘सांप सीढ़ी’ और विश्व में ‘स्नेक एंड लेडर्स’ इस नाम से प्रसिद्ध इस खेल की खोज भारत में…

श्री रंगाहरि जी का शैक्षिक प्रबोधन

 – सार्थ इदाथिल महान दृष्टा और विद्वान रंगाहरि जी, जिनकी बौद्धिक प्रतिभा विद्या भारती के आदर्शों और सिद्धांतों में परिलक्षित होती थी, उनका 29 अक्टूबर…

भारतीय शिक्षा दर्शन की मार्गदर्शिका बनेगी- भारतीय शिक्षा दृष्टि

 – डॉ. विकास दवे इन दिनों मेरे हाथों में स्वाध्याय की दृष्टि से सुरुचि प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित ‘भारतीय शिक्षा दृष्टि’ पुस्तक है। यह…

भारत का गणतंत्र

 – डॉ. मोहन भागवत सरस्वती शिशु मंदिर गोरखपुर में 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस पर उद्बोधन हमारा इकहत्तरवाँ गणतंत्र दिवस हम आज मना रहे…