3 Years of NEP–2020 and Vidya Bharati

✍ D. Ramakrishna rao Prologue Vidya Bharati with its 6 years toil collected inputs from across fifty thousand plus villages and more than one thousand…

नारी शक्ति वंदन: भारतीय चिंतन का दर्शन

 – डॉ. पिंकेश लता रघुवंशी “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।” मनु स्मृति में आया हुआ यह श्लोक महिला स्थिति को लेकर भारत के वास्तविक…

हिंदी साहित्यकार फादर कामिल बुल्के

 – डॉ. मीरा कुमारी कामिल बुल्के का योगदान भारतीय साहित्यशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी…

भारतीय ज्ञान का खजाना-24 (प्राचीन भारतीय ज्ञानपीठ)

✍ प्रशांत पोळ ईसवी सन् की दसवीं शताब्दी में, अर्थात् ई.स. 1000 में, भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति था। प्रोफेसर अंगस मेडिसन ने…

महान राष्ट्रभक्त, एकात्म मानववाद के प्रणेता दीनदयाल उपाध्याय

 – प्रोफेसर रवीन्द्र नाथ तिवारी माँ ‌भारती के महान सपूत, अनन्य राष्ट्रभक्त, मौलिक चिंतक, श्रेष्ठ लेखक, पत्रकार और संगठनकर्ता के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 90 (ईश्वर प्रदत्त सम्पदाओं का नाश)

 ✍ वासुदेव प्रजापति हमारी मान्यता है कि अव्यक्त परमात्मा ने इस सृष्टि की रचना की है। इस सृष्टि में केवल मनुष्य ही नहीं हैं, अन्य…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 89 (श्रमनिष्ठा का अभाव)

 ✍ वासुदेव प्रजापति भारत में आदिकाल से श्रेष्ठ समाज व्यवस्था रही है। श्रेष्ठ समाज में दो विशेष बातें होती हैं, एक समृद्धि और दूसरी संस्कृति।…

गीता प्रेस, गोरखपुर का सांस्कृतिक अवदान

✍ अवनीश भटनागर (श्रद्धेय भाई जी – श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार की जन्मजयंती (17 सितम्बर) पर उनके द्वारा स्थापित वैचारिक क्रान्ति के आधार स्तम्भ…

आचार्य श्रीराम शर्मा का जीवन दर्शन – 20 सितम्बर जयंती विशेष

 ✍ वीरेंद्र कुमार शर्मा इतिहास में कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई ऋषि सत्ता एक साथ बहुआयामी रूपों में प्रकट होती है एवं करोड़ों ही…

शैक्षणिक कुशलताएँ – प्रयत्न एवं परिणाम

✍ राजेन्द्र सिंह बघेल पिछले दिनों दिल्ली में एक पुराने मित्र से भेंट हुई। औपचारिक शिष्टाचार वार्ता के क्रम में ध्यान आया कि इतने वर्षों के बाद…