– डॉ. रवीन्द्र नाथ तिवारी भारतीय संसद द्वारा राष्ट्र के समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करने हेतु पारित की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने अपने 02 वर्ष पूर्ण कर…
– वासुदेव प्रजापति मन की शिक्षा से तात्पर्य है, सदाचार की शिक्षा, सद्गुणों की शिक्षा व चरित्र की शिक्षा। इन सबको मिलाकर एक ही शब्द में कहना हो तो सज्जनता…
– वासुदेव प्रजापति विज्ञान की भांति तंत्र ज्ञान का भूत भी हमारे सिर पर चढ़कर बोल रहा है। यंत्रों के नये-नये आविष्कारों में हमें अपने पुरुषार्थ की महत्ता जान पड़ती…
– वासुदेव प्रजापति हम इतिहास को राजकीय इतिहास के रूप में ही पढ़ाते हैं। सांस्कृतिक इतिहास भी होता है, इसका हमें भान ही नहीं है। आज शासन, प्रशासन व राजनीति…
– वासुदेव प्रजापति अब तक इस बिन्दु की स्पष्टता हुई होगी कि इकोनोमिक्स के सिद्धांतों पर चलने से सर्वजनहिताय व सर्वजनसुखाय का उद्देश्य सिद्ध नहीं होता। और अर्थ के सांस्कृतिक…
– गोपाल माहेश्वरी सत्याग्रहों की विनय की भाषा न जाने शांति की। धूर्त दुश्मन के लिए भाषा उचित बस क्रांति की।। बसंत पंचमी का दिन था। धर्मवीर बालक हकीकतराय के…