– नम्रता दत्त आध्यात्मिकता की अथाह गहराई को मापने वाले आचार्य रजनीश (ओशो) की विद्वता को देख किसी विद्वान व्यक्ति ने पूछा कि प्रत्येक जीवात्मा…
Category: शिशु शिक्षा
शिशु शिक्षा 16 (नव दम्पति शिक्षण 1 – संतान माता पिता का चयन करती है)
– नम्रता दत्त जामनगर (गुजरात) के दम्पत्ति श्रीमती स्वाति एवं श्रीमान हर्षिल शाह के परिवार में एक पुत्री का जन्म हुआ जिसका नाम आन्या रखा…
शिशु शिक्षा 15 (प्रारंभिक बाल्यावस्था में अनौपचारिक शिक्षा का महत्व)
– नम्रता दत्त कुछ वर्ष पूर्व मुझे कुरूक्षेत्र में होने वाले लाइट एण्ड साउंड शो को देखने का अवसर मिला। शो में बालक अभिमन्यु के…
शिशु शिक्षा 14 (मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान)
– नम्रता दत्त व्याकरण की दृष्टि से भाषा के दो प्रकार होते हैं – मौखिक (ध्वनिस्वरूप) एवं लिखित (वर्णस्वरूप)। मौखिक भाषा में सुनना और बोलना…
शिशु शिक्षा-13 (दश वर्षाणि ताङयेत्)
– नम्रता दत्त अभी तक शिशु शिक्षा की श्रृंखला में हमने लालयेत् पंचवर्षाणि की चर्चा की। शैशवास्था अर्थात् 0 से 05 वर्ष में शिशु शिक्षा…
शिशु शिक्षा – 12- तीन से पांच वर्ष के शिशु का पालन पोषण (संगोपन)
– नम्रता दत्त शिशु अवस्था (0 से 05 वर्ष) स्वाभाविक विकास की अवस्था है। यह विकास शिशु अपनी अन्तःप्रेरणा से ही करता है। इस अवस्था…
शिशु शिक्षा – 11- एक से तीन वर्ष के शिशु का पालन पोषण (संगोपन)
– नम्रता दत्त ‘शिक्षा’ विकास की जीवन पर्यन्त चलने वाली एक सतत् प्रक्रिया है। गत सोपानों के अध्ययन के आधार पर यह भी समझ में…
शिशु शिक्षा – 10 – जन्म से एक वर्ष के शिशु का पालन पोषण (संगोपन)
– नम्रता दत्त शिशु के पालन पोषण की प्रक्रिया भी शिशु शिक्षा के लिए एक अध्याय का कार्य करती है। अतः इस सोपान में विशेषतः…
शिशु शिक्षा – 9 – गर्भावस्था-2
– नम्रता दत्त इस श्रृंखला के सोपान 8 में गर्भावस्था के चौथे मास तक दृष्टि डाली थी। अतः अब गर्भ की इससे आगे की यात्रा…
शिशु शिक्षा – 8 – गर्भावस्था
– नम्रता दत्त गत सोपान में पूर्व गर्भावस्था की संक्षिप्त जानकारी से यह बात ध्यान में आई कि गर्भधारण के लिए किस प्रकार की…