हमारे बारे में

शिक्षा का उद्देश्य मानव के समस्त जीवन के सभी पक्षों का समानुपातिक विकास करना माना जाता है। विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में प्राय: शिक्षा-प्रणाली का विकास वहाँ की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया, जिसके अंतर्गत शिक्षार्थी में अनुशासन, नैतिकता, राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक बन्धुत्व, सामाजिक, नैतिक तथा अध्यात्मिक मूल्यों को विकसित किया जाता था। लेकिन आज की शिक्षा का प्रचलित स्वरूप जीवन के भौतिक पक्ष को विकसित करता है परन्तु इसमें शिक्षार्थी के शारीरिक ,सामाजिक, संवेगात्मक, नैतिक, आध्यात्मिक तथा चारित्रिक पक्ष के विकास पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया जाता।

भारत के सन्दर्भ में शिक्षार्थी के जीवन के इन सभी पक्षों का विकास कैसे सम्भव हो? कैसे शिक्षार्थी व्यक्तिगत प्रगति के साथ समाज और देश की प्रगति का वाहक बने? कैसे शिक्षा के माध्यम से मनुष्य को मानव बनाया जाये ? इन सभी प्रश्नों पर विचार कर शिक्षार्थी के समग्र विकास के लिए वर्तमान शिक्षा में आवश्यक परिवर्तन के लिए कार्य करना सभी सुधीजनों का कर्त्तव्य है।

शिक्षा प्रणाली में आवश्यक परिवर्तनों की आकांक्षा लिए हम ऐसे लोगों का समूह हैं जो पिछले काफी समय से शिक्षा और उसकी विभिन्न गतिविधियों से आत्मिक रूप से जुड़कर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देने के लिए संकल्पबद्ध है।

‘राष्ट्रीय शिक्षा’ समाज प्रबोधन की दृष्टि से बनाई गई वेबसाइट है जिस पर भारतीय शिक्षा को केंद्र में रख कर प्रबुद्ध जनों के विभिन्न लेख अपलोड होते है |

‘Rashtriya Shiksha’ is a website created with the view of social enlightenment, on which articles on Bhartiya education of enlightened people are uploaded.