– डॉ विकास दवे प्रिय बिटिया! दीपोत्सव का पर्व फिर आ गया है, आपके और आपके मित्रों के मन में उमंग हिलोरे लेने लगी अभी…
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शिशु शिक्षा 14 (मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान)
– नम्रता दत्त व्याकरण की दृष्टि से भाषा के दो प्रकार होते हैं – मौखिक (ध्वनिस्वरूप) एवं लिखित (वर्णस्वरूप)। मौखिक भाषा में सुनना और बोलना…
कैसे अंग्रेजो ने ध्वस्त की भारत की विकसित चिकित्सा प्रणाली : आओ जाने – 4
– प्रशांत पोळ आरंभ से आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में विकेन्द्रीकरण का बड़ा महत्व रखा गया था जो आधुनिक केन्द्रीकरण और अस्पताल व्यवस्था के बिल्कुल भिन्न…
कैसे अंग्रेजो ने ध्वस्त की भारत की विकसित चिकित्सा प्रणाली : आओ जाने – 3
– प्रशांत पोळ पिछले एक वर्ष से पूरा विश्व ‘कोरोना’ की महामारी से जूझ रहा हैं। इस महामारी पर वैक्सिन बनाना कितना कठीन हैं, यह…
ज्ञान की बात 42 (सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ में संस्कार)
– वासुदेव प्रजापति इससे पूर्व हमने मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में संस्कारों को समझा है। मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ के अन्तर्गत दो प्रकार के संस्कारों को जाना। पहले प्रकार…
शिक्षा को प्रौद्यौगिकी का समर्थन : सशक्त भारत का निर्माण
– डॉ. शिरीष पाल सिंह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौद्यौगिकी का उपयोग तथा एकीकरण एवं ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा द्वारा प्रौद्यौगिकी के न्यायसंगत…
विरुद्ध आहार
– रवि कुमार क्या कभी प्रातःकाल अचानक पेट दर्द, खट्टी डकार या दस्त हुए है? क्यों हुए इसका कारण खोजने का प्रयास हुआ? शायद नहीं!…
बाल केन्द्रित क्रिया आधारित शिक्षा-27 (21वीं सदी के अभिभावकों की शिक्षा)
– रवि कुमार ‘अभिभावक’ शब्द पर विचार करते हैं तो ध्यान में आता है माता-पिता। एक शब्द और चलता है – ‘पाल्य या पालक’ अर्थात्…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 41 (मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में संस्कार)
– वासुदेव प्रजापति हम संस्कारों को तीन सन्दर्भों में समझ सकते हैं। ये तीन सन्दर्भ हैं —। मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ में पारम्परिक कर्मकांड…