– वासुदेव प्रजापति भारतीय शिक्षा की एक प्रमुख विशेषता अर्थ-निरपेक्षता है। आज हमनें पश्चिमी शिक्षा से प्रभावित होकर जीवन में अर्थ को सर्वोपरि मान…
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महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग पांच)
– अवनीश भटनागर स्नातकों को उपदेश स्वाभाविक रूप से दीक्षांत भाषण का उद्देश्य अपनी शिक्षा पूर्ण कर समाज जीवन में प्रवेश करने जा रहे उपाधि…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग चार)
– अवनीश भटनागर भाषा के रूप में अंग्रेजी मातृभाषा और राष्ट्रीय विकास में उसकी भूमिका की बात कहने के बाद भी महामना एक भाषा के…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग तीन)
– अवनीश भटनागर प्रारम्भिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान के दीक्षान्त भाषण में भी मालवीय जी देश में प्रारम्भिक तथा माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग दो)
– अवनीश भटनागर बारह वर्षों की रिपोर्ट श्रद्धेय मालवीय जी का यह दीक्षान्त उद्बोधन 14 दिसम्बर, 1929 को सम्पन्न हुआ था, अर्थात् काशी हिन्दू विश्वविद्यालय…
महामना मदनमोहन मालवीय का दीक्षान्त भाषण – 14 दिसम्बर 1929 (भाग एक)
– अवनीश भटनागर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपना कार्य अक्टूबर, 1917 में प्रारम्भ किया था। विश्वविद्यालय के बारहवें उपाधि-वितरण समारोह (14 दिसम्बर 1929 ई॰) के…
भारत ही पुण्य भूमि क्यों?
– डॉ शिवभूषण त्रिपाठी एक ही परमात्मा-सत्ता सर्वत्र विद्यमान है। अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, महातम, पाताल और भू: भुव: स्व:, मह, जन:, तप:, सत्यम्-…
गुरु नानक जी की उदासियों (आध्यात्मिक यात्राएँ) का अवदान
– डॉ कुलदीप मेहंदीरत्ता विश्व की जनता को भक्ति का संदेश देने और उनका आध्यात्मिक मार्गदर्शन करने के लिए परम संत श्री गुरु नानक देव…
पाती बिटिया के नाम-11 (दोहरा राजद्रोह बना अमर राष्ट्र प्रेम – सेठ अमरचन्द बाँठिया)
– डॉ विकास दवे प्रिय बिटिया! बीकानेर से ग्वालियर तक की यात्रा ने थका कर चूर कर दिया था अमरचन्द जी को। व्यापार का सिलसिला…