एक उद्घोष – अरविंद घोष

 ✍ डॉ. पिंकेश लता रघुवंशी कुछ तिथियाँ तय होकर आती, तय दिशाएँ उनको करनी हैं..! किस ओर राष्ट्र की गति होगी, ये पूर्व परिचय कर…

१५ अगस्त १९४७ के बाद…

✍ प्रशांत पोळ १५ अगस्त १९४७ को भारत तो स्वतंत्र हो गया.. विभाजित होकर..! परन्तु अब आगे क्या..? दुर्भाग्य से गांधीजी ने मुस्लिम लीग के…

लोकनायक श्रीराम – ६

✍ प्रशांत पोळ श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण रथ में बैठकर वनवास के लिए निकले हैं। मंत्री सुमंत्र, उनके रथ के सारथी है। सारी अयोध्या नगरी…

लोकनायक श्रीराम – ५

✍ प्रशांत पोळ अवधपुरी के राजप्रासाद में श्रीराम के युवराज्याभिषेक की तैयारियां चल रही है। मुहूर्त पर चर्चा हो रही है। राजा दशरथ, श्रीराम को…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 102 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा – अध्ययन और अनुसन्धान)

 ✍ वासुदेव प्रजापति हमारे देश के नाम ‘भारत’ में ही ज्ञान समाया हुआ है। भारत एक ऐसा देश है जो अपना सम्पूर्ण व्यवहार ज्ञान के…

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में भारतीय भाषाओं की प्रासंगिकता

✍ डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता एक प्राचीन राष्ट्र के रुप में भारत, विविध भाषाओं का अद्भुत सामाजिक मिश्रण है, जहाँ बड़े लंबे समय से भारत के…

सनातन धर्म में दीपोत्सव महापर्व

✍ डॉ. रवीन्द्र नाथ तिवारी भारत के विभिन्न अंचलों में मनाये जाने वाले त्योहार समृद्ध सनातन संस्कृति के द्योतक हैं। ये त्योहार राष्ट्र की एकता,…

वाल्मीकि के राम

विजयादशमी (24 अक्टूबर) तथा महर्षि वाल्मीकि जयंती (28 अक्टूबर) पर विशेष ✍ अवनीश भटनागर आदिकवि वाल्मीकि जी के जीवन के सम्बन्ध में विष्णु पुराण, पद्मपुराण…

भारतीय शिक्षा जगत को नयी दिशा देने वाले – डॉ. राधाकृष्णन

✍ मृत्युंजय दीक्षित भारतीय शिक्षा जगत को नई दिशा देने वाले डॉ. राधाकृष्णन का जन्म तत्कालीन दक्षिण मद्रास में लगभग 60 कि.मी. की दूरी पर…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 87 (शिक्षा का बाजारीकरण)

 ✍ वासुदेव प्रजापति हमारे देश में शिक्षा, चिकित्सा तथा धर्म अनादि काल से सेवा के क्षेत्र रहे हैं। सेवा से हमारा तात्पर्य आज की भाँति…