अध्ययन के शत्रु – 3

✍ दिलीप बेतकेकर अभावग्रस्त नियोजन युद्ध के लिए केवल सेना और शस्त्र का होना ही पर्याप्त नहीं। केवल इन्हीं के आधार पर युद्ध में विजय…

21वीं शताब्दी का शिक्षक

 ✍ किशन वीर सिंह शाक्य 21वीं शताब्दी का शिक्षक हमारी कल्पना में कुछ विशेष है क्योंकि 21वीं शताब्दी में हमारे लिए करने के लिए अनेक…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 112 (भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा विद्यालय में करणीय प्रयास-3)

✍ वासुदेव प्रजापति नई व्यवस्था का विचार हमें भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु नई व्यवस्था का विचार करना होगा, शिक्षा का एक नया प्रतिमान गढ़ना…

शिक्षा में सुधारों की आवश्यकता – परिवर्तन की प्रतीक्षा में पाठ्यक्रम

✍ प्रणय कुमार किसी भी राष्ट्र का भविष्य शिक्षा पर निर्भर करता है। शिक्षा ही वह सुदृढ़ नींव है, जिस पर राष्ट्र रूपी भवन की…

রাষ্ট্রবাদী রবীন্দ্রনাথ

: কল্যাণ গৌতম রবীন্দ্রনাথের অনুভবে ভারতবর্ষের মর্যাদা কোথায় তার একটি উদাহরণ দিই। রবীন্দ্রনাথ তখন ইংল্যান্ডের কেনসিংটনে রয়েছেন। কবিবন্ধু ডি. এল রায়ের পুত্র দিলীপ কুমার রায়ও…

डॉ. भगवानदास का शिक्षा-दर्शन

✍ डॉ. विकास कुमार पाठक शिक्षा, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी अनेक विभूतियों की धरती रही है। इसी धरती पर जन्में काशी के…

गिजुभाई बधेका के बाल शिक्षा के प्रयोग

✍ अनिल रावल 20वीं शताब्दी के आरंभ में भारत में अंग्रेजी शिक्षा पद्धति का कार्य शुरू हो गया था। विद्यालय में विद्यार्थियों को केवल साक्षरी…

दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और भारतीय शिक्षा

✍ विकास चौधरी माननीय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के भारतीय शिक्षा पर विचारों से अवगत तब हुए, जब 20 अगस्त, 1985 को ससंद के पटल पर…

व्यावहारिक वेदान्त  की अमर ज्योति स्वामी रामतीर्थ

– गोपाल माहेश्वरी “जीवन दीप जले ऐसा सब जग को ज्योति मिले, जीवन दीप जले।” संघ में गाए जाने वाले इस गीत के भाव जिनके…

शैक्षणिक कुशलताएँ – प्रयत्न एवं परिणाम

✍ राजेन्द्र सिंह बघेल पिछले दिनों दिल्ली में एक पुराने मित्र से भेंट हुई। औपचारिक शिष्टाचार वार्ता के क्रम में ध्यान आया कि इतने वर्षों के बाद…