शिशु शिक्षा 34 – अनौपचारिक व औपचारिक शिक्षा

✍ नम्रता दत्त   हमने शिशु शिक्षा की यह श्रृंखला 0 (शून्य) से  प्रारम्भ की थी और अब इस सोपान से हम 3 वर्ष के…

शिशु शिक्षा 33 – शिशु के संस्कार में पारिवारिक वातावरण की भूमिका

 – नम्रता दत्त शिशु अवस्था (0 से 5 वर्ष तक) संस्कार ग्रहण करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था मानी जाती है, क्योंकि इस अवस्था में शिशु का…

भोजन संस्कार का स्वास्थ्य पर प्रभाव

 – रवि कुमार भोजन का भी एक संस्कार होता है। आजकल के भाग-दौड़ वाले जीवन में यह संस्कार धूमिल होता दिख रहा है। भोजन क्यों…

शिशु शिक्षा 27 – एक से तीन वर्ष के शिशुओं की माताओं का शिक्षण-1

 – नम्रता दत्त शिशु की स्वाभाविक विशेषताएं एक वर्ष से भी कुछ अधिक समय से हम निरन्तर शिशु शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं। शिशु…

शिशु शिक्षा 26 – शिशु के रोने के कारण और उपाय

 – नम्रता दत्त नवजात शिशु बोल नहीं सकता। लेकिन किसी भी प्रकार का कष्ट अनुभव करने पर वह रोता है। जन्म के समय जब उसकी…

शिशु शिक्षा 25 (जन्म से एक वर्ष के शिशुओं की माताओं का शिक्षण-5)

 – नम्रता दत्त शिशु का आहार एवं विहार विद्यालय में बच्चों की शारीरिक जांच कराई गई। डॉक्टर्स कक्षाशः अपनी रिपोर्ट देकर चले गए। बच्चों की…

पॉकेट मनी – कैसे दें, कैसे लें

 – दिलीप वसंत बेतकेकर गांव का मेला, नाटक अथवा किसी विशेष त्यौहार के अवसर पर बच्चों के हाथ में कुछ पैसे देने के दिन अब…

बाल केन्द्रित क्रिया आधारित शिक्षा-27 (21वीं सदी के अभिभावकों की शिक्षा)

 – रवि कुमार ‘अभिभावक’ शब्द पर विचार करते हैं तो ध्यान में आता है माता-पिता। एक शब्द और चलता है – ‘पाल्य या पालक’ अर्थात्…

शिशु शिक्षा-13 (दश वर्षाणि ताङयेत्)

 – नम्रता दत्त अभी तक शिशु शिक्षा की श्रृंखला में हमने लालयेत् पंचवर्षाणि की चर्चा की। शैशवास्था अर्थात् 0 से 05 वर्ष में शिशु शिक्षा…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 41 (मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में संस्कार)

 – वासुदेव प्रजापति हम संस्कारों को तीन सन्दर्भों में समझ सकते हैं। ये तीन सन्दर्भ हैं —। मनोवैज्ञानिक सन्दर्भ में सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ में पारम्परिक कर्मकांड…