– वासुदेव प्रजापति जीवन एक व अखण्ड़ है भारत की दृष्टि में जीवन एक है, यही एक जीवन जन्मजन्मान्तरों में अखण्ड चलता रहता है। एक…
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वर्तमान परिस्थिति में भारतीय जीवनदृष्टि की प्रासंगिकता-1
– वासुदेव प्रजापति आज संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी के प्रकोप से त्रस्त है। इस समय सभी देश अपने-अपने देशवासियों को कोरोना विषाणु से बचाने…
शब्द सामर्थ्य-11, थ, द
शब्द अर्थ थ थहराना भय से कांपना थाती अमानत द दंड-भंग शासन का उल्लंघन दंतकथा कल्पित कथा दक्षिणाचारी सदाचारी दयार्द्र दया से पसीजने वाला दर्प…
शिक्षा के मॉडल में आमूलचूल परिवर्तन का सही समय : कोरोना पूर्व एवं पश्चात्
– डॉ० विकास दवे इस समय संपूर्ण विश्व कोरोना के संकट काल से गुजर रहा है। इस विषाणु ने पूरी दुनिया को एक बार फिर…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-9 (ज्ञानार्जन के साधन : बुद्धि)
– वासुदेव प्रजापति अब तक हमने जाना कि कर्मेन्द्रियों से ज्ञानेन्द्रियाँ अधिक प्रभावी हैं और ज्ञानेन्द्रियों से मन अधिक प्रभावी है। मन इसलिए अधिक प्रभावी…
कोरोना और बाल मनोविज्ञान
– डॉ विकास दवे कोरोना विषाणु की महामारी केवल भारतीय समाज ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए एक नया तथा विज्ञान और मनोविज्ञान से…
शब्द सामर्थ्य-10, त, त्र
शब्द अर्थ त तंगहाल संकट तंद्रा थकान तटस्थ दोनों दलों से अलग तत्त्वदर्शी दार्शनिक तत्सम शुद्ध तथोक्त उस तरह कहा हुआ तदनुसार उसके अनुसार तनु-पात…
पाती बिटिया के नाम-3 (जिजा के लाल)
– डॉ विकास दवे प्रिय बिटिया। पिछली चिट्ठियों में तुमने देखा कि किस तरह शिवाजी के व्यक्तित्व का निर्माण हुआ और कैसे संस्कार उनके एक…
अपनी संतान ऐसा करती है क्या?
– दिलीप वसंत बेतकेकर अपने बच्चे बड़े होकर बहुत यश प्राप्त करें, पराक्रमी बनें, अच्छी ख्याति प्राप्त करें, ऐसी इच्छा प्रत्येक माता-पिता की रहती है।…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-8 (ज्ञानार्जन के साधन : मन)
– वासुदेव प्रजापति ज्ञान प्राप्त करने के साधनों में अब तक हमने बहिःकरण के अन्तर्गत कर्मेन्द्रियों एवं ज्ञानेन्द्रियों को समझा। हमने यह भी जाना कि…