– गोपाल माहेश्वरी प्राण छोड़े प्रण न तोड़े वीर कहलाते वही हैं। काँच बिखरे टूट कर, हर चोट हीरे ने सही है।। वह युग…
Category: बाल बलिदानी
शांति घोष-सुनीति चौधुरी
धन्य वे शिक्षक, सिखाते देश पर बलिदान होना। राष्ट्र पहले बाद में हम, ध्येय के हित प्राण खोना।। आपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से उनके कक्ष…
सीताराम-शंकर और ढोंढी का बलिदान
– गोपाल माहेश्वरी छोटे-छोटे जौ-तिल-तण्डुल मिल आहुति बन जल जाते हैं। तो महायज्ञ में उपयोगी सहयोग सपफल कर पाते हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रयत्न शस्त्र…
सार्थक जीवन – जीवन घोषाल
– गोपाल माहेश्वरी सत्याग्रहों की विनय की भाषा न जाने शांति की। धूर्त दुश्मन के लिए भाषा उचित बस क्रांति की।। बसंत पंचमी का दिन…
अग्रिम पंक्ति का योद्धा – हरिगोपाल बल
– गोपाल माहेश्वरी संकटों में देख माँ को पुत्र क्यों ना क्रुद्ध हो, क्या अवस्था अर्थ रखती छिड़ चुका जब युद्ध हो। बंगाल में ‘मास्टर…
निर्भीक किशोर-ननी गोपाल
– गोपाल माहेश्वरी कल्पना भी आज उसकी है भला संभव कहीं, यातना यमयातना से बढ़ शहीदों ने सही। “कितने साल के हो?” अंग्रेज़ न्यायाधीश क्रूर…
वीर बालक बिशन सिंह कूका
– गोपाल महेश्वरी देशधर्म पर बलि हो जाना बचपन से जो सीख चुके। अत्याचार-क्रूरता-पशुता झेल गए पर नहीं झुके।। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम सब देशभक्तों…
साहसी बालिका मैना
– गोपाल महेश्वरी ज्वालामुखी पिता की बेटी, ज्वाला बनकर ही पलती है। उसे कहाँ भय जल जाने का, जिसमें क्रांति-ज्वाल जलती है। भगवान की पूजा…