1857 के स्वातंत्र्य समर पर साहित्य रचना

 – रवि कुमार 1857 के स्वातंत्र्य समर के बारे में जिन्होंने अध्ययन किया है उनके सामने इस महान समर का उल्लेख आता है तो मन-मस्तिष्क…

1857 के स्वातंत्र्य समर में दिल्ली लड़ती है – 1

– रवि कुमार 11 से 16 मई 1857, इन पांच दिनों में दिल्ली में जो हुआ वह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए।…

1857 के स्वातन्त्र्य समर में दिल्ली की स्वतंत्रता

 – रवि कुमार 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर 11 मई को मेरठ से प्रारम्भ हुआ। दिल्ली इस समर के प्रमुख केंद्रों में से एक था।…

भारतीय भाषाओं का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 4

– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता     भाषा के बिना एक मनुष्य का दूसरे मनुष्य से सार्थक संवाद होना एक अत्यंत दुष्कर कार्य है अत: भाषाओं…

1857 की क्रांति के प्रतिसाद

 – रवि कुमार 10 मई 1857 को प्रारंभ हुआ स्वतंत्रता समर 1859 आते-आते समाप्त हो गया। क्या देशभक्ति का ज्वार मात्र दो वर्ष में ही…

भारतीय भाषाओं (कन्नड़, बंगला, ओड़िया और असमिया) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 2

– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता कन्नड़ भाषा का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में कुछेक अपवादों को छोड़कर समाज जागरण और राष्ट्रीय चेतना के स्वर प्राय: प्रत्येक भाषा,…

भारतीय भाषाओं (तमिल और तेलुगु) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 1

 – डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता भारत विविधताओं से भरा एक विशाल राष्ट्र है जहाँ भले ही भौगोलिक अथवा प्रयोज्य क्षेत्र के आधार पर शाब्दिक तथा भाषिक…