श्रीराम: शरणं मम

 – चेतनानन्द सेवा तो हो, पर सेवा करने वाला दिखायी न दे, प्रदर्शन न हो, कर्तृत्त्व अभिमान न हो और परिणाम पाने की रंचमात्र भी…

रामायण सत कोटि अपारा-6 (श्रीराम वन गमन स्थल)

✍ रवि कुमार श्रीराम भारत की आत्मा है। श्रीराम भारत के प्राण है। श्रीराम भारत के जन जन के राम है। वे जन जन के…

रामायण सत कोटि अपारा-5 (संस्कृत साहित्य में रामकथा)

✍ रवि कुमार रामकथा का आदि स्रोत ‘रामायण’ ही है। राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ ठाकुर ‘रामायण’ के भारतीय जन-मानस में व्याप्ति पर लिखते हैं, “रामायण की कथा…

लोकनायक श्रीराम – 8

✍ प्रशांत पोळ दानवों के निर्दालन तथा लंकाधिपती रावण की टोह लेते हुए श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण का दंडकारण्य में प्रवास चल रहा है। ऐसे…

रामायण सत कोटि अपारा-4 (विदेशों में रामकथा का प्रभाव)

✍ रवि कुमार प्रसिद्ध भजन है – “हमारे साथ श्री रघुनाथ तो, किस बात की चिंता। शरण में रख दिया जब माथ तो, किस बात…

लोकनायक श्रीराम – ४

✍ प्रशांत पोळ मिथिला… आर्यावर्त के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित एक वैभव संपन्न जनपद, जिसके राजधानी का नाम भी मिथिला है। यह जनपद, लोक कल्याणकारी…