सुजाण पालक हो…

✍ शैलेश जोशी गाय म्हणजे आपली माता। अर्थातच देशी हं। जिच्या पाठीवर वशिंड (उंचवटा) असतो ती। जन्मतःच तिचे नामकरण होते। ती कधी कपिला, कधी नंदिनी तर…

शिशु शिक्षा 25 (जन्म से एक वर्ष के शिशुओं की माताओं का शिक्षण-5)

 – नम्रता दत्त शिशु का आहार एवं विहार विद्यालय में बच्चों की शारीरिक जांच कराई गई। डॉक्टर्स कक्षाशः अपनी रिपोर्ट देकर चले गए। बच्चों की…

ज्ञान की बात 56 (भाषा का सांस्कृतिक स्वरूप – भाग दो)

 – वासुदेव प्रजापति प्रथम भाग में हमने जाना कि भाषा की मूल इकाई अक्षर है और इसकी व्याप्ति सम्पूर्ण जीवन है। अक्षर के विभिन्न पदार्थों…

शीतल पेय से दूर रहो, स्वस्थ रहो

 – दिलीप वसंत बेतकेकर सर्दी का मौसम समाप्त होकर जब गर्मी का मौसम शुरू हो रहा होता है, शीतल पेय दिखते ही मन ललचाता है…

शिशु शिक्षा 15 (प्रारंभिक बाल्यावस्था में अनौपचारिक शिक्षा का महत्व)

 – नम्रता दत्त कुछ वर्ष पूर्व मुझे कुरूक्षेत्र में होने वाले लाइट एण्ड साउंड शो को देखने का अवसर मिला। शो में बालक अभिमन्यु के…