– चेतनानन्द सेवा तो हो, पर सेवा करने वाला दिखायी न दे, प्रदर्शन न हो, कर्तृत्त्व अभिमान न हो और परिणाम पाने की रंचमात्र भी…
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लोकनायक गोस्वामी तुलसीदास
– चेतनानन्द समाज की व्यवस्था नष्ट होने पर, उसके पथ भ्रष्ट होने पर किसी न किसी महापुरुष का आर्विभाव हुआ है, जिसने सभी विरोधों को…
लोकनायक श्रीराम – १०
✍ प्रशांत पोळ लक्ष्मण के कहने पर हनुमान जब सुग्रीव को बुलाने जाते हैं, तो राज वैभव के भोग में मग्न सुग्रीव, कुछ दिन रुकने…
लोकनायक श्रीराम – २
✍ प्रशांत पोळ सृष्टि के पालनकर्ता, सर्वव्यापी नारायण ने निर्णय लिया है, रावण जैसी आसुरी शक्ति के निर्दालन के लिए, ईश्वाकु कुल के वंशज, राजा…
अवध में राम आये हैं – श्री वाल्मीकि रामायण (सर्ग 127 – युद्ध कांड)
✍ विनोद जोहरी अयोध्या परम धाम में नव्य, भव्य एवं दिव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की मृगशीर्ष नक्षत्र में सोमवार…