– डॉ० कुलदीप मेहंदीरत्ता “साहित्यकार का काम केवल पाठकों का मन बहलाना नहीं है। यह तो भाटों और मदारियों, विदूषकों और मसखरों का ही काम…
– डॉ० कुलदीप मेहंदीरत्ता “साहित्यकार का काम केवल पाठकों का मन बहलाना नहीं है। यह तो भाटों और मदारियों, विदूषकों और मसखरों का ही काम…