वैज्ञानिको भव

✍ गोपाल माहेश्वरी रघु और मधु दोनों गहरे मित्र संध्या समय कालोनी के बगीचे में बैठे थे। मंद शीतल पवन में वृक्ष और पौधे आनंद…