धर्म व संविधान परस्पर विरोधी नहीं, अपितु पूरक हैं

 ✍ प्रणय कुमार लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका प्रहरी की होती है। व्यवस्था के सभी घटकों की निगरानी का दायित्व उस पर ही होता है।…