वीर दुर्गादास : औरंगजेब को पराजित कर अपनी शर्तों पर समझौता किया

✍ रमेश शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो…