पायौ जी मैंने राम रतन धन पायौ..

– ऋचा चारण राजस्थान की धरा केवल वीरता की गाथाओं से ही नहीं गूँजती, बल्कि उसमें भक्ति की मधुर वीणा भी अनहद नाद करती है।…