आजादी का उत्सव मनाने का अपराध

✍ गोपाल माहेश्वरी धरा से मान पृथक अपना अस्तित्व बुदबुदे बहते हैं। अलगाव भाव को भ्रम से वे अपनी आजादी कहते हैं।। यज्ञ कुण्ड में…