पाठ्यक्रम-परिवर्तन की दिशा में ठोस पहल व प्रयास

 – प्रणय कुमार किसी भी उदार, जीवंत, गतिशील एवं लोकतांत्रिक समाज में वांछित एवं युगीन परिवर्तन की प्रक्रिया सतत चलती रहती है। जड़ता एवं यथास्थितिवाद…