सा विद्या या विमुक्तये
✍ गोपाल माहेश्वरी “आरती! जरा गाय को चारा डाल दे, भूखी होगी।” माँ ने कहा। “अभी डाल देती हूँ माँ!” आरती लगते जेष्ठ को चौदह…