सा विद्या या विमुक्तये
✍ गोपाल माहेश्वरी शेष रहती है लड़ाई वीर की अंतिम क्षणों तक। देशभक्ति है बसी होती सदा जिनके मनों तक।। “तो क्या नेताजी के न…