– पिंकेश लता रघुवंशी तत्कर्म यन्न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये। आयासायापरं कर्म विद्यऽन्या शिल्पनैपुणम्॥ विष्णु पुराण के प्रथम स्कंध उन्नीसवें अध्याय के 41वे श्लोक…
– पिंकेश लता रघुवंशी तत्कर्म यन्न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये। आयासायापरं कर्म विद्यऽन्या शिल्पनैपुणम्॥ विष्णु पुराण के प्रथम स्कंध उन्नीसवें अध्याय के 41वे श्लोक…