✍ गोपाल माहेश्वरी अधखिले ही चढ़ गए जो सुमन अपनी मातृभू पर। स्वातन्त्रय उपवन की बहारें श्रद्धा सहित उन पर निछावर।। जीवन में संस्कार बोने…
✍ गोपाल माहेश्वरी अधखिले ही चढ़ गए जो सुमन अपनी मातृभू पर। स्वातन्त्रय उपवन की बहारें श्रद्धा सहित उन पर निछावर।। जीवन में संस्कार बोने…