शब्द |
अर्थ |
प |
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पंचगव्य | गौ से प्राप्त पांच वस्तुएं |
पंचक | पांच का समूह |
पटू | कुशल / निपुण |
पतनोन्मुख | पतन की ओर झुकाव |
पथ्य | उपयुक्त आहार |
पदावली | शब्द-समूह |
परवर्ती | बाद वाला |
पराभव | पराजय / हार |
परिक्रमण | चक्कर लगाना / चारों और घूमना |
परिचायक | सूचक |
परिणत | परिणाम के रूप में प्रकट नया रूप |
परिनिष्ठित | पूरी तरह निपुण |
परिपूर्ण | जिसमें कमी न रह गयी हो |
परिवर्धन | अच्छी तरह बढ़ना/ बढ़ाया जाना |
परिस्फुट | पूर्णत: विकसित |
पल्लवित | समृद्ध |
पाथेय | रास्ते का भोजन (साथ लेकर) |
पारमार्थिक | परम अर्थ / आध्यात्मिक कल्याण से जुड़ा |
पार्थक्य | अलगाव |
पीठिका | चौकी |
पुनरुक्ति | दोबारा कही बात |
पूज्यपाद | जिसके चरण पूजा करने योग्य हों |
पूर्ववर्ती | पहले का |
पृथु | चतुर, विस्तृत , यशस्वी |
पोष्य | पोषण करने योग्य |
प्रकारान्तर | दूसरा प्रकार / तरीका |
प्रकृष्ट | उत्कृष्ट / खींच कर बढाया हुआ |
प्रगीत | जिसे सुर से गाया जा सके |
प्रणत | नम्र |
प्रतिकृति | अनुकरण, प्रतिबिम्ब |
पंचभूत | पांच भौतिक तत्त्व जिनसे जगत की रचना हुई |
पंजिका | रजिस्टर /पंचांग |
पठनीय | पढने योग्य |
पतित | गिरा हुआ / जो सम्मान खो चुका हो |
पद-च्युत | जिसे पद से हटा दिया हो |
परम्परागत | परम्परा से चला आ रहा |
परहित | दूसरों का हित |
परायण | तत्पर/ प्रवृत्त |
परिक्रमा | मन्दिर / तीर्थ के चारों और चक्कर लगाना/ मार्ग |
परिच्छद | आवरण |
परिणति | परिणाम / अंत |
परिपाक | अच्छी तरह पक जाना |
परिमार्जन | त्रुटि दूर कर सुंदर रूप देना |
परिशीलन | गम्भीर अध्ययन |
पर्यन्त | तक |
पहलू | पार्श्व |
पायक | सेवक |
पार्थिव | मिट्टी का शिवलिंग / पृथ्वी का |
पिपासा | तीव्र इच्छा |
पुंगव | उत्तम / श्रेष्ठ |
पुनरुत्थान | फिर से ऊपर उठाना |
पूत | पुत्र , पवित्र |
पूर्वापर | आगे और पीछे का / क्रमिक |
पृष्ठपोषक | सहायक / समर्थक |
पौरुष | पुरुषत्व |
प्रकीर्ण | मिला-जुला |
प्रक्षिप्त | बाद में जोड़ा हुआ |
प्रच्छन्न | अप्रत्यक्ष / छिपा हुआ |
प्रणति | प्रणाम |
प्रतिपादन | नया मत प्रस्तुत करना |
प्रतीची | पश्चिम |
प्रत्यावर्त्तन | दोबारा घटित होना |
प्रदोष | संध्या , बड़ा दोष |
प्रबोधन | जगाना |
प्रलाप | निरर्थक बातचीत |
प्रवेशिका | प्रारम्भिक ज्ञान करने वाली पुस्तक |
प्रस्फुटन | विकसित होना |
प्राचुर्य | बहुतायत |
प्रादुर्भाव | उत्पत्ति |
प्रामाणिक | सच्चा / सही |
पंचशील | बौद्ध धर्म के अनुसार सदाचार के सिद्धांत |
पटाक्षेप | कार्य समाप्ति / पर्दा गिराना |
पण्य | माल / सौदा |
पत्तन | बन्दरगाह पर बसा नगर |
पदार्पण | प्रवेश |
परम्परित | जो परम्परा का रूप ले चुका हो |
पराकाष्ठा | चरम सीमा |
पराश्रय | पराधीनता |
परिग्रह | पूरी तरह ग्रहण करना |
परिच्छेद | लेख का बड़ा अंश |
परितोष | पूरा संतोष |
परिपालन | अच्छे से पालन करना |
परिमित | नपा-तुला |
परिष्कार | सजाना ,संवारना |
पर्यवलोकन | अच्छे से जाँच परख करना |
पांडित्य | विद्वता |
पारंगत | विद्वान / निष्णात |
पारिभाषिक | परिभाषा से सम्बन्धित |
पारायण | आद्यन्त पाठ |
पुनरावृत्ति | दोहराना |
पुष्कल | प्रचुर / अत्यधिक |
पूर्वपीठिका | पहले से की गयी तैयारी / भूमिका |
पूर्वोक्त | जिसकी चर्चा पहले की हो |
पोशीदा | गुप्त |
पौरुषेय | मनुष्य का बनाया हुआ |
प्रकृत्या | प्रकृति से |
प्रगल्भ | चतुर , ढीठ , निडर , |
प्रज्ञ | विद्वान |
प्रणयन | निर्माण / रचना |
प्रतिमान | मानदंड, उदाहरण |
प्रतीति | ज्ञान / निश्चय |
प्रत्युत | इसके विपरीत / अपितु |
प्रपत्ति | अनन्य भक्ति |
प्रभूत | अत्यधिक |
प्रवंचना | धोखा |
प्रव्राजक | संन्यासी |
प्रांजल | स्वच्छ और शुद्ध भाषा |
प्राच्य | पूर्व |
प्राधान्य | प्रभुत्व / श्रेष्ठता |
प्रासंगिक | प्रसंग के अनुरूप |
और पढ़ें : शब्द सामर्थ्य-12,ध, न
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