21वीं शताब्दी का शिक्षक

 ✍ किशन वीर सिंह शाक्य 21वीं शताब्दी का शिक्षक हमारी कल्पना में कुछ विशेष है क्योंकि 21वीं शताब्दी में हमारे लिए करने के लिए अनेक…

गुरु आश्रम की ओर

✍ गोपाल माहेश्वरी प्रातःकाल पाँच बजने को थे कि घर में खटर-पटर की आवाजों से गौरव की नींद टूट गई। उसे पता था दादा जी-…

राष्ट्र शिल्पी और ज्ञान परंपरा का संवाहक है शिक्षक

✍ डॉ. रवीन्द्र नाथ तिवारी शिक्षक का स्थान समाज में अनादिकाल से ही पूजनीय रहा है। शिक्षा का प्रमुख आधार शिक्षक ही होता है। शिक्षक…

कोविड पश्चात् शिक्षा – विद्यालय व अभिभावकों की भूमिका

 – विजय नड्डा विद्यालय प्रारम्भ होते ही सुनसान पड़े विद्यालय परिसर बच्चों की किलकारियों से फिर से गूंजने लगे हैं। विद्यालय प्रारम्भ होने से बच्चों,…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 54 (पठनीय विषयों का सांस्कृतिक स्वरूप)

– वासुदेव प्रजापति   भारतीय ज्ञानधारा का मूल अधिष्ठान अध्यात्म है। अध्यात्म जब नियम व व्यवस्था में रूपान्तरित होता है, तब वह धर्म का स्वरूप…