धर्म, राष्ट्र और राष्ट्रधर्म

  राजकोट (गुजरात) गुरुकुल में ‘धर्म, राष्ट्र और राष्ट्रधर्म’ विषय पर माननीय डॉ० मोहन राव भागवत जी, प.पू. सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उद्बोधन का…

डॉक्टर हेडगेवार जी का हिंदुत्व!

✍ प्रशांत पोळ किसी व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना है, या उस व्यक्ति ने किये हुए कार्य का यश-अपयश देखना हैं, तो उस व्यक्ति…

परम पूज्य श्री गुरुजी का शैक्षिक प्रबोधन

 – अवनीश भटनागर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी कुशल संगठक होने के साथ-साथ समाज जीवन के…

पाती बिटिया के नाम-41 (राष्ट्र भाषा के प्रयोग का आग्रह)

 – डॉ विकास दवे प्रिय बिटिया! गत पत्र से हमारी बातचीत का क्रम प्रारम्भ हुआ था कुछ स्मरणीय मुलाकातों का। आओ इस बार चर्चा करें…

आदर्श शिक्षक प्रो. राजेन्द्र सिंह ‘रज्जू भैया’ – 2

– राजेश लिटौरिया ‘प्रकाश’ प्रयाग में ही रज्जू भैया संघ के सम्पर्क में आए। बापूराव मोघे जी के आग्रह पर रज्जू भैया सन 1943 में…

आदर्श शिक्षक प्रो. राजेन्द्र सिंह ‘रज्जू भैया’ – 1

– राजेश लिटौरिया ‘प्रकाश’ श्रीमद्भगवत्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- ‘न हि ज्ञानेन सदृश पवित्रमिह विद्यते।’ अर्थात् ज्ञान के समान पवित्र करने वाला संसार में…