सा विद्या या विमुक्तये
✍ गोपाल माहेश्वरी खिल रहा हो फूल जीवन का उसे माँ को चढ़ा दो, जब तिरंगा थामना हो काम छोड़ो कर बढ़ा दो। प्रयागराज युगों-युगों…