बच्चों को अवसर देकर तो देखिये

 – राजेन्द्र बघेल आठवीं में पढ़ने वाली नम्रता कक्षा में एक दुबली पतली छात्रा थी। स्वभाव से बस संकोची भी थी। अतः मुश्किल से कोई…

शिशु शिक्षा 18 (नव दम्पति शिक्षण 3 – श्रेष्ठ संतान के लिए योग, संकल्प और प्रार्थना)

 – नम्रता दत्त श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति की आकांक्षा प्रत्येक माता पिता को होती है क्योंकि वे मरने के बाद भी अपनी संतान के रुप…

पॉकेट मनी – कैसे दें, कैसे लें

 – दिलीप वसंत बेतकेकर गांव का मेला, नाटक अथवा किसी विशेष त्यौहार के अवसर पर बच्चों के हाथ में कुछ पैसे देने के दिन अब…

भारतीय भाषाओं (कन्नड़, बंगला, ओड़िया और असमिया) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 2

– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता कन्नड़ भाषा का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में कुछेक अपवादों को छोड़कर समाज जागरण और राष्ट्रीय चेतना के स्वर प्राय: प्रत्येक भाषा,…

शिशु शिक्षा 17 (नव दम्पति शिक्षण 2 –  गर्भाधान के नीति नियम एवं पूर्व तैयारी)

 – नम्रता दत्त आध्यात्मिकता की अथाह गहराई को मापने वाले आचार्य रजनीश (ओशो) की विद्वता को देख किसी विद्वान व्यक्ति ने पूछा कि प्रत्येक जीवात्मा…

अपयश को भी झेलो!

 – दिलीप वसंत बेतकेकर अपयश किसको अच्छा लगता है? किसी को भी नहीं। प्रत्येक व्यक्ति को सफलता और यश ही चाहिए परन्तु क्या वास्तव में…