– रत्नचंद सरदाना 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम में हम पराजित हुए किंतु देश के लोगों ने उसे पराजय को स्वीकार नहीं किया। स्थान-स्थान पर…
– रत्नचंद सरदाना 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम में हम पराजित हुए किंतु देश के लोगों ने उसे पराजय को स्वीकार नहीं किया। स्थान-स्थान पर…