सा विद्या या विमुक्तये
– प्रशांत पोळ कुछ गिने-चुने अंग्रेजों का अपवाद छोड़ दे, तो भारत पर राज करने आया हुआ हर एक अंग्रेज़, सत्ता के नशे में चूर…