✍ विनोद जौहरी बसन्त ऋतु का आगमन, चमकीली गुनगुनी धूप, हवा में उड़ते हुए पुकेसरों की भीनी−भीनी मनभावन सुगंध, पतझड़ की निष्ठुरता झेल चुकी ठूंठ…
✍ विनोद जौहरी बसन्त ऋतु का आगमन, चमकीली गुनगुनी धूप, हवा में उड़ते हुए पुकेसरों की भीनी−भीनी मनभावन सुगंध, पतझड़ की निष्ठुरता झेल चुकी ठूंठ…