गुरु आश्रम की ओर

✍ गोपाल माहेश्वरी प्रातःकाल पाँच बजने को थे कि घर में खटर-पटर की आवाजों से गौरव की नींद टूट गई। उसे पता था दादा जी-…

आचार्य – सांदीपनि कुल के सारस्वत अनुष्ठान का शलाका पुरुष

 – शिरोमणि दुबे   बन्धुओ! भारत दुनियां का अनादि राष्ट्र है। सर्वप्रथम अरुणाचल के आंगन में आदित्य देव की अरुणिम आभा सम्पूर्ण तेज के साथ…

शिक्षक कक्षा या विषय के नहीं, विद्यार्थी के!

– अवनीश भटनागर गुरु पूर्णिमा महोत्सव है। प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को यह उत्सव मनाया जाता है। इसे उत्सव क्यों कहा जाए? क्योंकि इसी…

हमारा सांस्कृतिक पर्व – गुरु पूर्णिमा

– वासुदेव प्रजापति हमारे देश में वैसे तो प्रत्येक दिन किसी न किसी व्रत, पर्व या त्योहार के नाम से जाना जाता है, किन्तु व्यक्ति…

तस्मै श्रीगुरवे नम:

 – वासुदेव प्रजापति अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं  दर्शितं  येन  तस्मै  श्रीगुरवे  नम।। उस महान गुरु का अभिवादन! जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त है, चर…