जोशीला लक्ष्मण जोशी

  – गोपाल माहेश्वरी प्राण छोड़े प्रण न तोड़े वीर कहलाते वही हैं। काँच बिखरे टूट कर, हर चोट हीरे ने सही है।। वह युग…