समय का मोल

✍ दिलीप वसंत बेतकेकर असीम विद्या, अल्प समय है झर झर ऐसा दौड़ेगा, वीर कितने हो न तुम, अंत तो आ ही जायेगा!! ये पंक्तियां…

याद रखें भी कैसे?

✍ दिलीप वसंत बेतकेकर वैभवी अभ्यास तो बहुत करती है, प्रामाणिकता से। परन्तु उसमें कुछ बाधाएँ हैं। ‘सर मैं पढ़ती तो बहुत हूँ, परन्तु भूल…