सा विद्या या विमुक्तये
– डॉ विकास दवे प्रिय बिटिया! हम यदि एक बार दृढ़ निश्चय कर लें और श्रमनिष्ठा हृदय में हो तो सफलताएँ स्वयं चलकर चरण चूमती…