भारतीय ज्ञान का खजाना – 6 (भारतीय संस्कृति के वैश्विक पदचिन्ह – 1)

–  प्रशांत पोळ गुजरात के सोमनाथ मंदिर के बाण-स्तंभ पर एक श्लोक उकेरा हुआ (लिखा हुआ) है – “आसमुद्रांत दक्षिण ध्रुव पर्यंत अबाधित ज्योतिर्मार्ग…!” [‘इस…

अंग्रेजों का न्यायपूर्ण शासन? – 2

– प्रशांत पोळ १८५७ के क्रांति युद्ध में अंग्रेजों की निर्दयता एक ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर ने ‘द टाइम्स’ में लिखा, “We have the power of…

कैसे अंग्रेजों ने भारतीय वस्त्र उद्योग को तार-तार किया – आओ जाने-2

 – प्रशांत पोळ अंग्रेजों ने तय करके भारतीय वस्त्र उद्योग को नष्ट किया। वे इस उद्योग की महत्ता और इसके कारण भारत के वैश्विक महत्व…

कैसे अंग्रेजों ने भारतीय वस्त्र उद्योग को तार-तार किया – आओ जाने-1

 – प्रशांत पोळ हजार-दो हजार वर्ष पहले, जब भारत विश्व व्यापार में सिरमौर था, तब उस व्यापार का एक बड़ा हिस्सा था – कपड़ा उद्योग।…