– रवि कुमार 1857 के स्वातंत्र्य समर के बारे में जिन्होंने अध्ययन किया है उनके सामने इस महान समर का उल्लेख आता है तो मन-मस्तिष्क…
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भारतीय स्वाधीनता संग्राम और असम के क्रान्तिकारी
– डॉ० पवन तिवारी श्रीमन्त शंकरदेव की पावन धरा भारतीय संस्कृति के ख्यात उद्घोष ‘वीरभोग्या वसुन्धरा’ को चरितार्थ करती है। पूर्वोत्तर के द्वार कहे जाने…
1857 के स्वातंत्र्य समर में दिल्ली लड़ती है – 3
– रवि कुमार महेश्वर दयाल द्वारा लिखित ‘दिल्ली मेरी दिल्ली’ पुस्तक में वर्णित है कि इंद्रप्रस्थ यानी दिल्ली अपने जीवन काल में लगभग 300 बार…
स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के संघर्षों की गाथा को पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित करे
– डॉ० अंजनी कुमार सुमन भारत भूमि का कण-कण वीरों के मनोबल और बलिदानियों के रक्त से सिंचित रहा है। समय, काल, परिस्थितियाँ भले ही…
अंग्रेजों का न्यायपूर्ण शासन? – 2
– प्रशांत पोळ १८५७ के क्रांति युद्ध में अंग्रेजों की निर्दयता एक ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर ने ‘द टाइम्स’ में लिखा, “We have the power of…
1857 के स्वातन्त्र्य समर में दिल्ली की स्वतंत्रता
– रवि कुमार 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर 11 मई को मेरठ से प्रारम्भ हुआ। दिल्ली इस समर के प्रमुख केंद्रों में से एक था।…
1857 की क्रांति : एक सुनियोजित स्वातन्त्र्य संग्राम
– रवि कुमार भारत की स्वतंत्रता की चर्चा जब होती है तो ध्यान आता है उन क्रान्तिकारियों का, जिन्होंने स्वतंत्रता की बलि वेदी पर अपने…