✍वासुदेव प्रजापति स्वायत्त शिक्षा भाग १ में हमने यह जाना कि स्वायत्तता अंग्रेजी शब्द ओटोनोमी का अनुवाद है। इसलिए ओटोनोमी का अर्थ ही स्वायत्तता पर…
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भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 71 (स्वायत्त शिक्षा भाग १)
– वासुदेव प्रजापति शिक्षा में स्वायत्तता और स्वतंत्रता की माँग अनेक शिक्षाविद और शैक्षिक संगठन समय-समय पर करते हुए सुनाई देते हैं, किन्तु स्वायत्तता प्राप्त…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 68 (औपचारिक-अनौपचारिक शिक्षा तंत्र)
– वासुदेव प्रजापति आज शिक्षा क्षेत्र में औपचारिक और अनौपचारिक शब्दों का प्रयोग बहुत होता है, किन्तु इन दोनों शब्दों के सही अर्थ के बारे…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 67 (शिक्षित समाज)
– वासुदेव प्रजापति जिस समाज में जितने अधिक शिक्षित व्यक्ति होते हैं, वह समाज उतना ही अधिक विकसित होता है। एक शिक्षित व्यक्ति अपनी भाषा…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 66 (शिक्षित व्यक्ति)
– वासुदेव प्रजापति हमारे समाज में शिक्षित व्यक्ति का महत्त्व सदैव रहा है। यदि कोई व्यक्ति अशिक्षित है, तो समाज में उसे कभी मान-सम्मान प्राप्त…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 65 (शास्त्र की शिक्षा)
– वासुदेव प्रजापति जीवन में जितनी महत्त्वपूर्ण मन की शिक्षा और कर्म की शिक्षा है, उतनी ही महत्त्वपूर्ण शास्त्र की शिक्षा भी है। जहाँ मन…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 63 (मन की शिक्षा)
– वासुदेव प्रजापति मन की शिक्षा से तात्पर्य है, सदाचार की शिक्षा, सद्गुणों की शिक्षा व चरित्र की शिक्षा। इन सबको मिलाकर एक ही शब्द…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 62 (तंत्रज्ञान का सांस्कृतिक स्वरूप)
– वासुदेव प्रजापति विज्ञान की भांति तंत्र ज्ञान का भूत भी हमारे सिर पर चढ़कर बोल रहा है। यंत्रों के नये-नये आविष्कारों में हमें अपने…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 61 (विज्ञान का सांस्कृतिक स्वरूप)
– वासुदेव प्रजापति आज का युग विज्ञान का युग माना जाता है। कुछ लोग तो आज के युग का देवता विज्ञान को ही मानते हैं।…
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 60 (सांस्कृतिक इतिहास)
– वासुदेव प्रजापति हम इतिहास को राजकीय इतिहास के रूप में ही पढ़ाते हैं। सांस्कृतिक इतिहास भी होता है, इसका हमें भान ही नहीं है।…