भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात 51 (शास्त्रों की रचना एवं स्वरूप)

 – वासुदेव प्रजापति   अब तक हमने जाना कि परमात्मा की इस सृष्टि में मनुष्य का अति विशिष्ट स्थान है। क्योंकि केवल मनुष्य में ही…