-वासुदेव प्रजापति
आपने भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला का संक्षिप्त परिचय प्राप्त किया है। संक्षिप्त परिचय से ही यह ध्यान में आया होगा कि यह ग्रन्थमाला ज्ञान का एक सागर है। हम इस सागर में गोता लगाकर ज्ञान का एक-एक मोती चुनकर लायेंगे, और इस नये स्तम्भ के माध्यम से आप तक पहुँचाएँगे। इस नये स्तम्भ का शीर्षक है –
भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात
हमारे देश का नाम भारत है। भारत का अर्थ है, ज्ञान में रत रहने वाला देश। हमारा देश आदिकाल से ज्ञान का उपासक रहा है। ज्ञानवान देश होने के कारण ही भारत विश्व गुरु रहा है। इस स्तम्भ में हम विश्वगुरु भारत की ज्ञान संकल्पना को समझेंगे।
यह स्तम्भ पाक्षिक होगा, प्रत्येक भारतीय मास के दोनों पक्षों की पंचमी तिथि को इसका प्रसारण होगा। इसके प्रथम अंक का प्रसारण माघ शुक्ल पंचमी तदनुसार दि० 29 जनवरी 2020 को होगा। माघ शुक्ल पंचमी बसंत पंचमी कहलाती है। यह दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का प्राकट्य दिवस है। इस दिन सरस्वती पूजा का विधान है। हम यह पूजा भारतीय ज्ञान के सही स्वरूप को बताने वाले पाक्षिक स्तम्भ ‘भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात’ का प्रारंभ करके कर रहे हैं। ‘भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात’ का प्रथम अंक होगा ‘जानें ज्ञान को’।
और पढ़े पुस्तक परिचय : भारतीय शिक्षा ग्रंथमाला
(लेखक शिक्षाविद् है, भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला के सह संपादक है और विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के सह सचिव है।)